Everything about shiv chalisa lyricsl
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कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
अर्थ- हे गिरिजा पुत्र भगवान श्री गणेश आपकी जय हो। आप मंगलकारी हैं, विद्वता के दाता हैं, अयोध्यादास की प्रार्थना है प्रभु कि आप ऐसा वरदान दें जिससे सारे भय समाप्त हो जांए।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
अंत काल को भवसागर में उसका बेडा पार हुआ॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ shiv chalisa lyricsl मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
नन्दि Shiv chaisa गणेश सोहै तहँ more info कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥